यूपी बोर्ड कक्षा12 हिन्दी परीक्षा आलोकवृत्त श्री गुलाब खण्डेलवाल
Up board Hindi Exam Alok vritt Khady Kavya Sri Gulab Khandelwal
UP Board Exam 2021 Class 12th Hindi
खण्डकाव्य
आलोकवृत्त
लेखक :श्री गुलाब खंडेलवाल
नायक : महात्मा गाँधी
जनपद: प्रयागराज
प्रश्न 1. आलोकवृत्त खण्डकाव्य के नायक के चरित्र की विशेषताओं को संक्षेप में लिखिए ।
उत्तर. महात्मा गाँधी यशश्वी आलोकवृत्त के नायक है। कवि श्री गुलाब खंडेलवाल है। जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ - साथ ,सत्य अंहिसा और सदाचार के सूत्रधार है। संक्षेप इनके चरित्र की विशेषताएँ है -
मानवीय मूल्यों की आस्था: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने मानवीय मूल्यों के प्रति घोर आस्था है। वह बचपन से ही मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए लालायित हैं इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए समुद्र पार जाकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।
स्वतंत्रता के प्रति ललक: महात्मा गांधी ने देश की स्वतंत्रता के लिए बचपन से ही ललक है वे स्वतंत्रता की प्राप्त के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देते हैं। समुद्र पार जाकर भी स्वतंत्रता के लिए प्रयास करना चाहते हैं।
सत्य के पुजारी और सत्याग्रह के जन्मदाता: महात्मा गांधी में सत्य के प्रति घोर आस्था है उनका विश्वास है कि जिस दिन सत्य की पराजय होगी उस दिन विनाश हो जाएगा क्योंकि सत्य आत्मा और परमात्मा का प्रतिरूप है।
स्वदेशी वस्तु और खादी को महत्त्व: गांधी जी ने स्वयं भी और अपने अनुयायियों को भी खादी अपनाने की प्रेरणा दी।
" खादी का प्रचार घर-घर में
अब थी लग्न जीवन की"
अजेय साहसी और निर्भीक: बापू दुबले पतले शरीर में अजेय साहस को रखते हैं उनकी निर्भीरकता के आगे पशुता को झुकना पड़ता है मानवीय एकता और समत्व की भावना ही उनके अहिंसा के सिद्धांत की आधारशिला है।
प्रश्न 2. आलोकवृत्त शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर. कवि खंडेलवाल ने आलो कृत्य में गांधी के सदाचार और प्रकाश से भरे आचरण को चित्रित किया है। इस खंडकाव्य का विषय उद्देश्य एवं मूल भाव यही है। महात्मा गांधी के जीवन को हम प्रकाश स्वरूप कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने भारतीय संस्कृति की चेतना को अपने सद्गुणों एवं विचारों से व्यक्त किया। उन्होंने विश्व में सत्य प्रेम अहिंसा आदि मानवीय भावनाओं का प्रभाव डाला। अतः इस जीवन वृति को आलोक वृत्त कहा जा सकता है। इस दृष्टिकोण से यह शीर्षक उपयुक्त है। यह महात्मा गांधी के जीवन उनके चरित्र उनके गुणों के सिद्धांतों एवं दर्शन को पूर्णरूपेण परिभाषित करता हुआ है। एक साहित्यिक एवं दार्शनिक शीर्षक है।
प्रश्न 3. आलोक वृत्त खंड काव्य के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर. आलोक वृत्त खंड काल की रचना का उद्देश्य निम्नलिखित बिंदुओं में विभक्त कर निर्धारित किया जा सकता है।
राष्ट्रीय एकता: राष्ट्रीय एकता का प्रतिपादन करना कभी को अभिप्रेत करता है। हिमालय से कन्याकुमारी तक हम सभी एक हैं। राष्ट्रीय एकता ही राष्ट्रीय आंदोलन का मूल आधार रही है। कवि ने भी आंदोलन के राष्ट्रीय रूप को देखा तथा राष्ट्रीयता की भावना जागते हुए राष्ट्रीय एकता प्रतिपादित करने की चेष्टा की है।
सत्य अहिंसा का महत्व: प्रस्तुत काव्य के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी हैं। सत्य और अहिंसा अस्त्रों के बल पर ही उन्होंने शक्तिशाली विदेशी शासकों को देश छोड़ने पर तथा भारत स्वतंत्र कर दिया।
देश प्रेम की भावना को जगाना: कवि अपनी रचना द्वारा भारतीय जनों के ह्रदय में भारत के गौरवमय अतीत का वर्णन करके देश प्रेम की भावना जगाना चाहता है।
"जिसने धरती पर मानवता का पहला जयघोष किया था।
बार-बार जग को अहिंसा का पावन संदेश दिया था"
मानवतावाद : कवि मानवतावाद के उद्देश्य को रखना चाहता है। मानवतावाद की स्थापना ही कवि का चर्मोउद्देश्य माना जा सकता है। बापू के मानव मानव में भेद रहित विचारों का पोषण करना है कि कवि को मान रहा है। धर्म, देश ,जाति, रंग आज की सीमाओं से ऊपर भी मानव मानव को देखने के पक्षपाती रहे हैं।
कथा -संगठन: प्रस्तुत काव्य की कथावस्तु अत्यंत संगठित और प्रभावपूर्ण है। कवि ने कथा नत्व को 8 सर्गों में विभाजित किया है। कवि ने स्वतंत्रता के इतिहास तथा गांधीजी के जीवन की मातृ घटनाओं का चयन कर अपनी प्रखर प्रतिभा का परिचय दिया है।
प्रश्न 4. आलोकवृत्त खण्डकाव्य काव्यकृति घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर. वर्णन विषय :आलोकवृत्त खण्डकाव्य वर्णनात्मक क्रोधपूर्ण शैली में लिखा गया है। एक अत्यंत हु पूर्ण सुंदर प्रभाव शैली रचना है जो 1837 से 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम का रेखाचित्र तो खिंचा ही है साथ ही साथ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की ऐतिहासिक विचार यात्रा तथा उदात्त मानवीय इस रचना की विशेषता हैं।
रस निरूपण : प्रस्तुत खंडकाव्य में वीर रस की प्रधानता है। पूर्ण खंड काव्य की स्वतंत्रता संग्राम के वर्णन में रोज करो से परिपूर्ण है किंतु इसके साथ ही साथ कवि ने यत्र तत्र शांत सिंगार करुण रसो का समावेश किया है।
उद्देश: खंडकाव्य का प्रमुख उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास और भागों के जीवन की एक झांकी प्रस्तुत करके पाठकों की मानवीय मूल्यों के प्रति आस्था को प्रतिस्थापित करता है । पीड़ित मानवता को सत्य और अहिंसा का शाश्वत संदेश देकर उनमें में प्राण फूंकना है ।
भाषा शैली: प्रस्तुत खंड काव्य की भाषा अत्यंत सशक्त और हो जुगाड़ संपन्न शुद्ध खड़ी बोली है भाषा में सरल तथा बोद्ध गम में तत्सम शब्दों का प्रयोग हुआ है । यत्र तत्र मुहावरों एवं सूक्तियों का भी प्रयोग हुआ है। शैली अत्यंत लालित्य पूर्ण है सर्वत्र का प्रसाद गुण का प्राचुर्य है
छंद और अलंकार: खंडकाव्य के 8 वर्ग में 10 से अधिक शब्दों का प्रयोग हुआ है अलंकारों के प्रति कवि का विशेष आग्रह नहीं है
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